नई दिल्ली में महिला वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल स्वीटी बूरा ने जीता है. इससे पूरे देश में उनके नाम का डंका बज रहा है. बॉक्सिंग की दुनिया में नाम कमाकर उन्होंने भारत ही नहीं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है. लेकिन बता दें पहले स्वीटी बूरा बॉक्सर नहीं बल्कि कबड्डी खिलाड़ी थी.
राज्य स्तर की कबड्डी खिलाड़ी रह चुकी हैं बॉक्सर स्वीटी
वह राज्य स्तर की कबड्डी खिलाड़ी भी रह चुकी है. लेकिन उन्होंने अपने पिता कि सलाह मानते है बॉक्सिंग को करियर के रूप में चुना था. इसके बाद साल 2009 में महज 15 साल की उम्र में उन्होंने बॉक्सिंग की ट्रेनिंग लेना शुरू की थी. इसके बाद किसान महेंद्र सिंह की बेटी स्वीटी को इसके शुरुआत में काफी बाधाओं का सामना करना पड़ा था. रिश्तेदारों और दोस्तों के विरोध का भी सामना करना पड़ा था. इसके साथ ही उन्होंने खेतों में जाकर भी बॉक्सिंग की ट्रेनिंग ली थी.
स्वीटी बूरा के बारे में बता दें वह हरियाणा के हिसार की रहने वाली वाली है. छोटे किसान होने के कारण पिता महेंद्र सिंह की आर्थिक स्थिति भी कमजोर थी. गांव और रिश्तेदारों के विरोध करने के बाद भी उन्होंने बेटी का ही साथ दिया था. बता दें स्वीटी को पहले कबड्डी खेलने का बड़ा शौक था. उन्होंने इसके लिए राज्य स्तर पर भी खेला है. लेकिन इनके पिता ने इनके टैलेंट की पहचान की थी. इसके बाद स्वीटी को उन्होंने बॉक्सिंग के फील्ड में उतारा था. पिता के साथ देने पर स्वीटी ने अपना परचम पूरे जहां में लहराया है.
इतना ही नहीं स्वीटी के पति दीपक भी कबड्डी में महारत हासिल कर चुके है. दीपक हुड्डा कबड्डी में बहुत बड़ा नाम है. वह प्रो कबड्डी लीग में भी काफी अच्छा मुकाम रखते हैं. पति के साथ ही उन्होंने ट्रेनिंग भी लेना शुरू किया था. दीपक हुड्डा ने भी अपनी पत्नी स्वीटी का उनके फैसले में साथ दिया था. और कभी भी ट्रेनिंग के लिए नहीं रोका था.