कबड्डी खेल का इतिहास पुराना हैं. भारत के गांव-गांव में इस खेल को ख्याति मिल चुकी थी. इस खेल को विश्वस्तरीय ख्याति सन 1936 में बर्लिन ओलम्पिक से मिली थी. इसी फेडरेशन को अमैच्योर कबड्डी फेडरेशन का गठन हुआ और कबड्डी खेले जाने के नियम बनाए गए.
भारत के पारम्परिक खेलों में से एक कबड्डी का खेल देशभर में ही नहीं दुनिया भर में प्रसिद्द है. बताया जाता है कि कबड्डी की शरुआत भारत से हुई है. लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि कबड्डी कि शुरुआत ईरान से हुई है. लेकिन जहां से भी हुई हो कबड्डी का खेल काफी पुराना है. वहीं ओलम्पिक ने इस खेल को 4000 साल से भी ज्यादा पुराना माना है. इस खेल का प्रमाण कई भारतीय पुराने ग्रंथों में भी मिला है.
कबड्डी विश्कप की शुरुआत और इसके इवेंट
आजकल भले ही खेल जगत में क्रिकेट का राज हो लेकिन 2016 कबड्डी वर्ल्डकप के बाद यह सब लोग जान गए है कि कबड्डी के चाहने वालों की कमी नहीं है. नए खेलों में कबड्डी अब सबसे ज्यादा उभरता हुआ गेम बन चुका है. कबड्डी विश्वकप का आयोजन जब से हुआ है तब से भारत अजेय रहा है. वहीं महिला कबड्डी विश्वकप 2016 में आयोजित किया गया था. इसके बाद से कोई विश्वकप का आयोजन नहीं हो पाया है. वहीं खबरें है कि मेगा इवेंट का आयोजन अब अगले साल किया जा सकता है. बता दें कि विश्व कबड्डी महासंघ की स्थापना वर्ष 2003 में हुई थी. बता दें सबसे पहले इसका आयोजन साल 2004 में किया था जिसमें भारत जीता था. इसके बाद साल 2007 और 2016 में इसका आयोजन हुआ था.
हर बार कबड्डी विश्वकप का चैंपियन बना भारत
खबरों कि माने तो इसका आयोजन इस बार भारत के बाहर होने की सम्भावना है. वॉल्वरहैम्पटन इसकी मेजबानी करने के लिए उत्सुक है और इसके आयोजन के लिए बोली लगा रहा है. यदि यह बोली वह जीत लेता है तो वह इसकी मेजबानी करने के लिए तैयार होगा और भारत से बाहर इसका आयोजन किया जाएगा. वहीं इस बार ख़ास बात यह रहेगी कि बांग्लादेश और चीनी भी इस कप में शिकरत कर सकते हैं. ताइपे बंगबन्धु कप को जीतकर बांग्लादेश ने विश्वकप में शिकरत करने के लिए खुद को क्वालीफाई कर लिया है. इसके तीसरे सीजन की मेजबानी बांग्लादेश ने ही की थी.
वहीं मौजूद विश्वकप चैंपियन कि बात करें तो वह भारत ही है. तीसरे विश्वकप के फाइनल में ईरान को हराकर भारत ने यह ख़िताब अपने नाम किया था. विश्वकप का पहला सीजन मुम्बई में साल 2004 में खेला गया था. इसका दूसरा सीजन भी भारत में साल 2007 में पावेल में खेला गया था. वहीं तीसरा सीजन भी भारत के अहमदाबाद में खेला गया था और भारत ही इसमें विजेता रहा था.
हर विश्वकप का मेजबान रहा भारत देश
बता दें भारत की धमक वर्ल्ड कबड्डी पटल पर हमेशा रही है. देखनी वाली बात होगी कि इस बार का विश्वकप का आयोजन भारत के बाहर होने वाला है. बता दें इससे पहले सीनियर नेशनल कबड्डी चैंपियनशिप का आयोजन भारत में होगा. जिसके आधार पर ही टीम का चयन होगा. वहीं टीम एशियाई खेलों में भाग लेगी.ये एशियाई खेल सितम्बर 2023 में चीन में होने जा रहे हैं.
विश्वकप कबड्डी का लम्बे समय से प्रतीक्षित दूसरा संस्करण 2023 की पहली तिमाही में आयोजित किया जाएगा. मेजबान शहर के साथ-साथ अन्य हितधारकों के साथ अंतिम समझौते किए जाने के बाद निकट भविष्य में सटीक तिथियों और स्थान आदि की आधिकारिक घोषणाएं भी की जाएगी. विश्वकप कबड्डी कोविड-19 महामारी के कारण लगभग तीन साल से आयोजित नहीं हो पा रहा था. विश्व कबड्डी को विश्वास है कि उचित स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के साथ प्रतिष्ठित टूर्नामेंट बिना किसी बाधा के आयोजित हो सकता है.
भारत बना था पहला विजेता
उद्घाटन विश्वकप मलेशिया के मलाका में आयोजित किया गया था जिसकी मेजबानी मलेशिया कबड्डी फेडरेशन ने की थी. पॉवरहाउस इंडिया ने पुरुष और महिला दोनों में खिताब जीते और ख़िताब को वापिस जीतने के लिए ही इस बार मैदान में उतरेंगे. 2023 विश्वकप में दुनिया भर के सभी शीर्ष कबड्डी देशों के भाग लेने की उम्मीद है. इसमें हाल ही में विजेता बना यूरोपीय कबड्डी चैंपियन इंग्लैंड और अफ्रीका कबड्डी चैंपियन मिस्र भी शामिल होगा.
टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, मलेशिया, होन्गकोंग, श्रीलंका, नेपाल, केन्या, तंजानिया, कैमरून, अमेरिका, कनाडा, पोलैंड, साइप्रस, इटली सहित कई टीमों के भाग लेने की सम्भावना है. विश्व कबड्डी में वर्तमान में दुनिया भर में पचास से अधिक सम्बद्ध सदस्य हैं और टूर्नामेंट में रूचि सबसे अधिक होने की उम्मीद है. विश्वकप को दुनियाभर के प्रमुख प्रसारण स्टेशनों पर प्रसारित करने की भी व्यवस्था की गई है. विश्व कबड्डी का गठन 24 मार्च 2018 को हुआ था और वर्तमान में इसके 52 से अधिक सदस्य हैं और यह सभी पांच महाद्वीपों में तेजी से बढ़ रहा खेल है.
कितने देश हैं कबड्डी विश्वकप के सदस्य ?
बता दें कबड्डी विश्वकप में हमेशा से भारत का ही दबदबा रहा है. और इसमें भारत ने 10 में से नौ बार इस विश्वकप पर अपना कब्जा जमाया है. और हर बार इस विश्वकप का आयोजन एशियाई सरजमी पर हुआ है. और इस बार ऐसा पहली बार हो रहा है कि कबड्डी का यह बड़ा टूर्नामेंट विदेशी सरजमी पर होने जा रहा है. पहली बार होगा जब एशिया के बाहर कबड्डी का विश्वकप खेला जाएगा. इंग्लैंड कबड्डी, स्कॉटिश कबड्डी और ब्रिटिश कबड्डी लीग द्वारा आयोजित इस टूर्नामेंट में भारत, ईरान और पाकिस्तान सहित कम से कम 16 टीमें भाग लेगी. जिसमें पुरुष और महिलाओं की टीमें भी शामिल है. और इसका आयोजन वर्ष 2025 की पहली तिमाही में होने जा रहा है.
विश्व कबड्डी महासंघ और इंग्लैंड कबड्डी के अध्यक्ष अशोक दास ने कहा कि, ‘ब्रिटेन के वेस्टमिडलैंड्स को 2025 कबड्डी विश्वकप की मेजबानी सौंपने का फैसला किया गया है. यह इस खेल के यूरोप में और विश्व पटल के हर देश में विस्तार के लिए एक अहम फैसला साबित होगा. विश्व कबड्डी महासंघ द्वारा आयोजित कबड्डी विश्वकप का आयोजन पहली बार एशिया से बाहर इंग्लैंड के वेस्ट मिडलैंड्स में होगा.
भारत के ही अलग-अलग जगह पर इन विश्वकप का आयोजन होता आ रहा है. जिसमें भारत हमेशा से विजेता बनता आ रहा है. भारत में आयोजित प्रो कबड्डी लीग की धूम भी पूरे विश्वभर में है. इस लीग में भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी खिलाड़ी हिस्सा लेने आते हैं. साथ ही भारतीय खिलाड़ियों ने भी भारत के इस खेल को विश्व स्तर पर पहचान दिलादिलाई है.
वहीं प्रो कबड्डी लीग में भी भारतीय खिलाड़ियों और भारतीय खेल को ख्याति मिली है. इसी के साथ ही खिलाड़ियों को आर्थिक रूप से भी मदद मिली हैं.