हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में कबड्डी को लेकर काफी क्रेज है. लेकिन अब लग रहा है वह खत्म हो रहा है. ऊना जिले ने कबड्डी के कई खिलाड़ी भारत को दिए है जिन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया है. विशाल भारद्वाज, सुरेन्द्र सिंह, आकाश चौधरी, सतनाम सिंह और विनीत चौधरी जैसे खिलाड़ी कबड्डी में नाम कमा चुके है. सभी ऊना और आसपास के क्षेत्र के रहने वाले खिलाड़ी भारत को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित कर रहे हैं.
ऊना जिले ने देश को दिए कई बेहतरीन खिलाड़ी
इतना सब होने के बाद भी ऊना में एक भी कबड्डी एकेडमी नहीं है और इतना ही नहीं यहां पर कबड्डी के लिए एक भी कोच नहीं है. नेशनल स्तर पर अपने दम पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्टार खिलाड़ी यहीं से निकले है. लेकिन अब जिला खेल विभाग कि उदासीनता के चलते अब इस खेल का यहां पर सूर्यास्त होता नजर आ रहा है. इस क्षेत्र में अब भारत का पारम्परिक खेल फीका पड़ता नजर आ रहा है.
ऊना में फीका पड़ रहा कबड्डी का वर्चस्व
जिले में कबड्डी खेल का यह हाल हो रहा है कि खेल विभाग द्वारा एक भी कोच का इंतजाम नहीं हो पा रहा है. वह भी तब जब जिले ने ऐसे कई कबड्डी के खिलाड़ी बिना कोच के ही दे दिए हैं. देहलां के रहने वाले विशाल का चयन इंडिया कैंप के लिए हुआ तो प्रो कबड्डी लीग में उन्होंने खुद के प्रदर्शन से दर्शकों को अपना मुरीद बनाया है. उनके ही साथी देहलां के रहने वाले सुरेन्द्र सिंह और आकाश चौधरी भी प्रो कबड्डी लीग में काफ चमके हैं.
इतना ही नहीं सतनाम और विनीत शर्मा ने प्रो कबड्डी लीग में जाकर देश का गौरव बढ़ाया ही है. लेकिन इन सभी खिलाड़ियों को किसी कोच ने नहीं ट्रेनिंग दी थी. बल्कि ये वो नायक हीरे हैं जो खुद तराशे गए हैं. ऐसे में देहलां के ही पीटीआई सुशील कुमार ने इनपर मेहनत की थी जिसका परिणाम रहा कि इन्होने कबड्डी में देश का नाम ऊंचा किया था.