Image Source : Google
प्रो कबड्डी लीग में नौ सीजन खत्म हो चुके हैं. ऐसे में खिलाड़ियों की सहूलियत के हिसाब से इसमें नियम बनाए गए हैं. वहीं नियमों के हिसाब से देखे तो इसके नियम अन्तर्राष्ट्रीय कबड्डी खेल से अलग होते हैं. जो दर्शकों को समझना जरूरी है. वहीं PKL के नियम में भिन्नता है जो अन्तर्राष्ट्रीय कबड्डी टूर्नामेंट से अलग नियम बनाए गए है.
PKL के नियम में क्या है भिन्नता
PKL के नियम में बोनस अंक और सुपर रेड क्या है
प्रो कबड्डी लीग में बिना रेडर के छुए ही उसे अंक मिल गया और रेडर बाहर हो गया था. लेकिन इसनियम के अंतर्गत रेडर आउट नहीं है क्योंकि नियम के अनुसार रेडर का हाथ लाइन के पीछे तक आना चाहिए. अगर वह लाइन पर अधूरा हाथ लगाता ही रेडर आउट माना जाएगा. वहीं बात करें बोनस पॉइंट्स कि तो इसमें एक पैर बोनस लाइन के पार होना चाहिए. वहीं इसी स्थिति में दूसरा पैर हवा में होना चाहिए. तभी रेडर को बोनस अंक मिलता है.
वहीं बोनस अंक तभी खिलाड़ी को दिया जाता है जब डिफेंडर टीम में छह या उससे अधिक खिलाड़ी मौजूद रहे हों. वहीं एक और नियम है जिसके अंतर्गत डिफेंडर को नहीं बल्कि रेडर को आउट माना जाता है. अगर रेडर मिडल लाइन को पकड़े हुए है और साथ ही डिफेंडर रेडर को भी पकड़े हुए है तो इसमें रेडर आउट माना जाता है. दरअसल रेडर को मिडल लाइन छूना है. वहीं ध्यान भी रखना है कि पैर लाइन के अंदर होना चाहिए. ऐसे नहीं होने पर रेडर आउट होता है.
वहीं एक और नियम बता दें कि अगर दो खिलाड़ियों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़ा हुआ है. और इसी बीच रेडर आकर उनकी मुठ्ठी पर हाथ लगा देता है तो इस समय दोनों खिलाड़ियों को आउट माना जाता है. और अगर वहीं उन दोनों खिलाड़ियों ने कलाई से एक दूसरे को पकड़ा हुआ है तो फिर जिस खिलाड़ी पर हाथ लगा है वही आउट माना जाएगा. मैच में रेडर की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है.
कबड्डी में रेडर के नियम
क्योंकि वहीं ऐसा खिलाड़ी होता है जो ज्यादा से ज्यादा अपनी टीम के लिए पॉइंट बनाकर ला सकता है. रेडर की रेड तभी तक मानी होती है जब रेडर कम से कम एक पैर बाउल रेखा को पार लेता है. वहीं उसे रेखा को पार करते समय कबड्डी-कबड्डी शब्द का उच्चारण करना होता है जिसका क्रम नहीं टूटना चाहिए. कबड्डी में यह भी नियम है की रेडर को उसके अंगों और धड़ के अलावा किसी भी अन्य चीज से नहीं पकड़ा जा सकता है. मैच के दौरान कोई भी प्लेयर कोर्ट से बाहर नहीं जा सकते हैं. ऐसा करने पर एक अंक का नुकसान हो सकता है.
कबड्डी में कोर्ट के नियम
इसके अलावा कोर्ट में एक स्थान होता है उसे लॉबी कहते है. यह तभी सक्रिय होता है जब रेडर ने विरोधी टीम के सदस्य हो टच किया हो. साथ ही ये भी बताते चलें कि बिना अंक अर्जित करने वाली रेड एक बार में एक ही की जा सकती है. ऐसा लगातार दो बार करने पर आक्रमण करने वाली टीम का अगला रेड डू ऑर डाई होता है. अगर वो एक अंक हासिल करने में नाकाम रहते हैं तो विपक्षी टीम को एक अंक मिल जाता है.
साथ ही किसी खिलाड़ी का अंग भी कोर्ट से या कबड्डी के ग्राउंड से बाहर चला जाता है तो उसे आउट माना जाता है. कबड्डी के खेल में ग्रीन स्लीव और सैफरॉन स्लीव होता है जो अंकों के आधार पर शीर्ष रेडर और रक्षक बनता है उन्हे ये पदक दिया जाता है. वहीं कोर्ट में बोनस लाइन भी होती है. यह तभी सक्रिय होती है जब टीम में 6 से 7 खिलाड़ी होते है.
अगर रेडर मिडल लाइन को पकड़े हुए है और साथ ही डिफेंडर रेडर को भी पकड़े हुए है तो इसमें रेडर आउट माना जाता है. दरअसल रेडर को मिडल लाइन छूना है. वहीं ध्यान भी रखना है कि पैर लाइन के अंदर होना चाहिए. ऐसे नहीं होने पर रेडर आउट होता है.
बिना रेडर के छुए ही उसे अंक मिल गया और रेडर बाहर हो गया था. लेकिन इसनियम के अंतर्गत रेडर आउट नहीं है क्योंकि नियम के अनुसार रेडर का हाथ लाइन के पीछे तक आना चाहिए. अगर वह लाइन पर अधूरा हाथ लगाता ही रेडर आउट माना जाएगा. वहीं बात करें बोनस पॉइंट्स कि तो इसमें एक पैर बोनस लाइन के पार होना चाहिए. वहीं इसी स्थिति में दूसरा पैर हवा में होना चाहिए. तभी रेडर को बोनस अंक मिलता है.
वहीं एक और नियम बता दें कि अगर दो खिलाड़ियों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़ा हुआ है. और इसी बीच रेडर आकर उनकी मुठ्ठी पर हाथ लगा देता है तो इस समय दोनों खिलाड़ियों को आउट माना जाता है. और अगर वहीं उन दोनों खिलाड़ियों ने कलाई से एक दूसरे को पकड़ा हुआ है तो फिर जिस खिलाड़ी पर हाथ लगा है वही आउट माना जाएगा.