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प्रो कबड्डी लीग के अब तक नौ सीजन खत्म हो चुके हैं. इसमें कई बदलाव किए गए हैं. इन नियमों के चलते खिलाड़ियों को काफी आसानी होती है. इसके साथ ही खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका भी मिलता है. इसके साथ ही कुछ नियमावली और शब्दावली भी है जिसके चलते इनका उपयोग कबड्डी लीग (PKL) में किया जाता है. आज हम आपको उन्ही शब्द और उनकी शब्दावली से अवगत कराने जा रहे है जिससे कि खिलाड़ियों और इनके फैन्स को यह समझने में आसानी होती है.
जानते है प्रो कबड्डी लीग (PKL) में उपयोग लाने वाले शब्द
डू और डाई रेड :- रेडिंग करने वाली टीम अगर लगातार दो रेड में एक भी पॉइंट नहीं हासिल करती है तो उसके लिए अगली रेड डू और डाई मानी जाती है जिसमें अगर रेड करने वाले खिलाड़ी ने पॉइंट हासिल नहीं किया तो वो आउट माना जाता है.
सुपर रेड :- रेड करने वाले खिलाड़ी अगर विरोधी टीम के तीन या उससे ज्यादा खिलाड़ियों को आउट कर देता है तो उसे सुपर रेड कहा जाता है.
सुपर टैकल :- सुपर टैकल में डिफेन्स करने वाली टीम को दो पॉइंट मिलते हैं. जब डिफेन्स करने वाली टीम में तीन या उससे कम डिफेंडर होते है और वो एक रेडर को आउट कर देते है तो उसे सुपर टैकल कहा जाता है.
सुपर 10 :- सुपर 10 में जब कोई रेडर 10 या उससे ज्यादा पॉइंट्स रेड के जरिए बनाता है तो उसे सुपर 10 कहा जाता है.
हाई 5 :- जब डिफेंडर एक मैच में पांच या उससे ज्यादा पॉइंट्स टैकल से हासिल करता है तो उसे हाई 5 कहा जाता है.
बोनस :- जब किस रेडर का पैर एक हवा में और दूसरा बोनस लाइन के पार होता है तो उसे बोनस पॉइंट मिलता है. वहीं इसका नियम यह भी है कि एक बोनस पॉइंट हासिल करने के लिए विरोधी टीम में कम से कम 6 खिलाड़ियों का होना जरूरी है.
रिव्यु :- क्रिकेट की ही भांति इसमें भी रिव्यु सिस्टम लागू किया गया है. जब रेफरी गलत डिसिशन देता है तो खिलाड़ी रिव्यु की मांग कर सकते हैं.
ऑलआउट :- जब एक टीम अपने प्रतिद्वंदी के सभी खिलाड़ियों को आउट कर देती है तो इसे ऑलआउट कहा जाता है.
लॉबी रूल :- कोई खिलाड़ी बिना टच के पीले रंग वाले हिस्से में जाता है तो उसे आउट माना जाता है.
PKL के नियम पर डालिए एक नजर
PKL के नियम को लेकर दर्शकों में काफी कंफ्यूजन रहता है. ऐसे में उन्हें पता नहीं चल पाता कि अंपायर किस स्थिति में पॉइंट्स देता है और कैसे रेडर को आउट करार दिया जाता है. बिना रेडर के छुए ही उसे अंक मिल गया और रेडर बाहर हो गया था. लेकिन इसनियम के अंतर्गत रेडर आउट नहीं है क्योंकि नियम के अनुसार रेडर का हाथ लाइन के पीछे तक आना चाहिए. अगर वह लाइन पर अधूरा हाथ लगाता ही रेडर आउट माना जाएगा. वहीं बात करें बोनस पॉइंट्स कि तो इसमें एक पैर बोनस लाइन के पार होना चाहिए. वहीं इसी स्थिति में दूसरा पैर हवा में होना चाहिए. तभी रेडर को बोनस अंक मिलता है.
वहीं बोनस अंक तभी खिलाड़ी को दिया जाता है जब डिफेंडर टीम में छह या उससे अधिक खिलाड़ी मौजूद रहे हों. वहीं एक और नियम है जिसके अंतर्गत डिफेंडर को नहीं बल्कि रेडर को आउट माना जाता है. अगर रेडर मिडल लाइन को पकड़े हुए है और साथ ही डिफेंडर रेडर को भी पकड़े हुए है तो इसमें रेडर आउट माना जाता है. दरअसल रेडर को मिडल लाइन छूना है. वहीं ध्यान भी रखना है कि पैर लाइन के अंदर होना चाहिए. ऐसे नहीं होने पर रेडर आउट होता है.
वहीं एक और नियम बता दें कि अगर दो खिलाड़ियों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़ा हुआ है. और इसी बीच रेडर आकर उनकी मुठ्ठी पर हाथ लगा देता है तो इस समय दोनों खिलाड़ियों को आउट माना जाता है. और अगर वहीं उन दोनों खिलाड़ियों ने कलाई से एक दूसरे को पकड़ा हुआ है तो फिर जिस खिलाड़ी पर हाथ लगा है वही आउट माना जाएगा.
क्या है PKL में लॉबी रूल ?
सबसे पहले बात करें लॉबी रूल कि तो प्रो कबड्डी लीग में इस विवादित नियम को हटा दिया गया है. दरअसल इस रूल के मुताबिक़ अगर कोई बिना किसी डिफेंडर को टच किए रेडर लॉबी में चला जाता है और इसके बाद अगर कोई डिफेंडर भी लॉबी में चला जाता है तो रेडर और डिफेंडर दोनों को आउट माना जाता है. प्रो कबड्डी लीग के सीजन 8 में भी बेंगलुरु और बंगाल के मैच में यह देखने को मिला था. हालांकि अब इस नियम को खत्म कर दिया गया है और नए बदलाव के साथ नियम ये रहा है कि अगर कोई रेडर लॉबी में चला जाता है तो सिर्फ वही आउट माना जाएगा.
वहीं इसके बारे में प्रो कबड्डी लीग के टेक्निकल डायरेक्टर ई प्रसाद राव ने कहा कि, ‘ खेल भावना को देखते हुए लीग इस नियम को बदल दिया है. इस सीजन अगर रेडर बिना टैकल हुए लॉबी में जाता है तो सिर्फ उसे ही आउट माना जाएगा.’
बता दें हर मैच में एक टीम से साथ खिलाड़ी मैच का हिस्सा होते हैं और पांच खिलाड़ी को बतौर सब्सटीटयूट के तौर पर रिजर्व में टीम रखा जाता है. हालांकि 12 खिलाड़ियों को बढाकर अब 14 कर दिया गया है जिसका मतलब साफ़ है की अब टीम एक मैच के लिए 14 खिलाड़ियों का नाम दे सकती है.
अब टीम स्क्वाड में रख सकते हैं 14 खिलाड़ी
इसे लेकर बात करते हुए ई राव प्रसाद ने कहा कि, ‘मैचों की संख्या अब ज्यादा हो चुकी है सीजन भी लम्बा है और इंजरी को ध्यान में रखते हुए हमने इस इजन से मैच वाले दिन स्क्वाड में शामिल खिलाड़ियों को 12 से 14 करने का फैसला किया गया है.’
इसके अलावा एक और नियम में बदलाव किया गया है वो यह है कि प्रो कबड्डी लीग के एक मैच हर टीम पांच और हाफटाइम के समय भी सब्सीटीट्युशन कर सकती है. हालांकि अब इसकी संख्या में भी इजाफा कर दिया गया है और 9 वें सीजन में सभी टीमों को पूरे मैच के दौरन 7 सब्सीटीट्युशन करने का मौका मिलेगा.
वहीं एक और नियम बता दें कि अगर दो खिलाड़ियों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़ा हुआ है. और इसी बीच रेडर आकर उनकी मुठ्ठी पर हाथ लगा देता है तो इस समय दोनों खिलाड़ियों को आउट माना जाता है. और अगर वहीं उन दोनों खिलाड़ियों ने कलाई से एक दूसरे को पकड़ा हुआ है तो फिर जिस खिलाड़ी पर हाथ लगा है वही आउट माना जाएगा.